Rohit और Virat अब गले में फँसी हड्डी से हो गये हैं!




टीम इंडिया एडिलेड में धराशाही हो गई। दोनों पारियों में 180 और 175 रन। दोनों पारियों में सबसे ज़्यादा रन किसने बनाये? नीतीश रेड्डी ने जिन्होंने दोनों पारियों में 42-42 रन बनाये। आपको टीम इंडिया में सबसे बड़ा गढ्ढा कौन लगा। सब कहेंगे कि दोनों रोहित शर्मा और विराट कोहली। यानी हिट मन और किंग कोहली कहते जिन्हें हम नहीं थकते हैं। गेंदबाज़ी की बात करें तो जसप्रित बुमराह के अलावा आप किसका नाम लेना पसंद करेंगे? शायद किसी का भी नहीं हालाँकि ये कहना ज़रूरी है कि मोहम्मद सिराज अब अपनी पुरानी लय और ताल में आते जा रहे हैं। हर्षित राणा की भी एक कमी अब उजागर हो गई है। हर्षित शुरुआत तो धुआँधार करते हैं। पर अपने दूसरे और तीसरे स्पेल तक आते आते उनकी ऊर्जा, उनकी पोटाश ख़त्म सी हो जाती है। यानी युवा हैं, भारी भरकम हैं, पर स्टैमिना शायद कम है। इसलिए पिटे और बुरी तरह से पिटे ख़ासकर ट्रैविस हेड के हाथों। अब श्रृंखला की स्कोरलाइन एक-एक की है। यानी एक मैच इंडिया के हाथ लगा है और एक ऑस्ट्रेलिया के। कोई भी नहीं कह सकता है कि एक टीम दूसरे पर भारी है। साफ़ है कि जिस टीम की बल्लेबाज़ी चल गई वो दूसरी टीम पर चढ़ जाएगा। पर्थ में यशस्वी जयसवाल चढ़ गये थे, तो इंडिया ने मैच जीत लिया। एडिलेड में ट्रैविस हेड ने पिटाई की थी, तो ऑस्ट्रेलिया जीत गया। अब आगे के टेस्ट मैचों में रन आयें इसके लिए क्या करना पड़ेगा? अगर कंप्यूटर से पूछे तो वो कहेगा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को टीम से निकाल दो। विराट को तो ख़ैर टीम से निकाला नहीं जाएगा क्योंकि एक टेस्ट पहले ही उन्होंने शतक लगाया था। रोहित को आप इस लिये नहीं निकल सकते क्योंकि वो टीम के कप्तान भी हैं। और अभी फ़रवरी में चैम्पियंस ट्रॉफी में आपको उनकी ज़रूरत पड़ेगी। और अगर इनको आप निकालेंगे तो आपको ध्रुव जुरैल और देवदत्त पादिककल को खिलाना पड़ेगा जो कोई बहुत सुनहरी सोच नहीं है। रोहित और विराट क्या अपनी बल्लेबाज़ी में बचे हुए तीन टेस्ट मैचों में सुधार कर सकते हैं? कर सकते हैं पर उन्हें एक क्लियर माइंड से बैटिंग करनी पड़ेगी। ये नहीं कि दिमाग़ उलझा हो और क्रीज़ पर आपके पास जवाब होंगे। कोहली को पहली कुछ गेंदें संभल कर खेलनी पड़ेंगी। हर गेंद को खेलने की आतुरता उन्हें ले डूब रही है। अगर गेंद ऑफ-स्टंप के बाहर हो तो उसे मज़े से छोड़ो। अपने ऑफ-स्टंप को पकड़ के रखो। जो बाहर है, उसे मत छुओ । रोहित का फ़ुटवर्क तो बिलकुल ख़राब हो गया है। अब वो अपनी जगह से खड़े खड़े खेलते हैं। ना आगे जाते हैं और ना ही पीछे। अगर उन्हें सीखना ही है तो नीतीश कुमार रेड्डी से सीखें। रेड्डी आगे आते हैं तो पूरा आगे आते हैं, पीछे जाते हैं तो पूरा पीछे जाते हैं। कभी दुविधा में नहीं रहते। रोहित इसके विपरीत दुविधा में दिखते हैं। टीम इंडिया को गेंदबाज़ी में भी काफ़ी सुधार लाना पड़ेगा। बुमराह के एक सक्षम साथी की ज़रूरत है। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ किसी तरह से बुमराह को निकाल देते हैं और फिर दूसरे गेंदबाज़ों को लूटते हैं। यानी अगर मोहम्मद शमी फिट हैं तो उन्हें तुरंत ऑस्ट्रेलिया के लिये उड़ने वाले जहाज़ पर बैठा दो। रविचंद्रन अश्विन भी शायद ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर कारगर ना साबित हों। ऐसे में वाशिंगटन सुंदर या रवींद्र जडेजा को ही टीम में रखा जाए। पर सबसे ज़रूरी बात होगी कि टीम इंडिया रन बनाये। नहीं तो वहीं होगा जो एडिलेड में हमनें अभी देखा है।